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- जब ऐसा होगा एलियंस बात करेंगी
Posted by : Raj Kumar
शनिवार, 9 जनवरी 2016
एलियंस से बात करने के लिए धरती
Sep 27, 2010 नई दिल्ली।
एलियंस के किस्से लोंगो ने सुने और फिल्मों में देखें हैं। लेकिन हकीकत में अब तक एलियंस की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं है। हालांकि कई वैज्ञानिक मानते हैं कि एलियंस का वजूद है और वो आज नहीं तो कल धरती पर आएंगे। जब वो आएंगे तो उनसे मलेशिया की वैज्ञानि क मजलान ओथमान बात करेंगी , क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें धरती का एलियंस एंबेसडर चुना है। 58 साल की एस्ट्रोफिजिशिस् ट ओथमान संयुक्त राष्ट्र के सहयोगी संगठन यूनाइटेड नेशंस ऑफिस फॉर ऑउटर स्पेस अफेयर्स की प्रमुख हैं।
उनका कहना है कि दुनिया भर के वैज्ञानिक और संस्थान दूसरी दुनिया के लोगों की तलाश में जुटे हैं और उम्मीद है कि एक दिन ऐसा होगा जब हमें दूसरी दुनिया से कोई संकेत मिलेगा। जब ऐसा होगा, उस दिन के लिए हमें अपनी तैयारी करके रखनी होगी। ओथमान इससे पहले मलेशिया के नेशनल स्पेस एजेंसी की मुखिया थी और अंतरिक्ष में जाने वाली मलेशिया की पहली महिला हैं। दुनिया के कई वैज्ञानिक एलियंस के होने और उनके धरती तक पहुंचने की कल्पना कर चुके हैं। इस दौर के सबसे बड़े वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग भी मानते हैं कि एलियंस हैं और धरती पर आ सकते हैं।
हॉकिंग का कहना है कि मेरे दिमाग की गणनाएं बताती हैं कि एलियंस हैं लेकिन असल चुनौती ये जानने की है कि एलियंस दिखते कैसे हैं। जहां तक मेरा मानना है कि अगर कभी एलियंस धरती पर आए तो उनका बर्ताव इतना दोस्ताना नहीं होगा जितनी कि उम्मी द है। हॉकिंग का कहना है कि ज्यादातर एलियंस या तो माइक्रोब्स की तरह या फिर बेहद छोटे जानवरों जैसे हो सकते हैं। हॉकिंग ये चेतावनी देते हैं कि धरती के वैज्ञानिकों को दिमा गदार एलियंस से संपर्क करने से बचना होगा क्योंकि वो धरती को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कई सालों की रिसर्च और पड़ताल के बाद वैज्ञानिक ये तो मानते हैं कि एलियंस हो सकते हैं लेकिन पुख्ता तौर पर उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। वैज्ञानिक को कहना है कि एलियंस हमसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा है। एलियंस धरती पर इंसान से संपर्क स्थापित करने के लिए दशकों से 'कॉस्मिक ट्वीट्स' भेज रहे हैं। 15 अगस्त 1977 को ओहियो स्थित एक दूरबीन ने 72 सेकंड का एक महत्वपूर्ण संकेत पकड़ा था। ये संकेत अंतरिक्ष के एक खाली हिस्से से ठीक उसी फ्रीक्वेंसी पर आया था जिस पर वैज्ञानिक एलियंस से संदेश मिलने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन आज तक इस संकेत का मतलब नहीं निकाला जा सका। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि एलियंस इंसानों के मुकाबले ज्यादा बुद्धिमान हैं और तकनीकी तौर पर बेहद ताकतवर भी हैं। स्पेन और अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि एलियंस अपनी ताकतवर दूसबीनों से पृथ्वी पर नजर रख रहे हैं।
उन्हें पृथ्वी के घूमने की गति , दिन की लंबाई, मौसम चक्र, महासागरों, महाद्वीपों और बादलों की जानकारी हैँ। तमाम रिसर्च और अध्ययन के बाद भी दुनिया भर के वैज्ञानिक ये तक नहीं पता लगा पाए कि ब्रह्मांड में पृथ्वी के अलावा कहीं और जीवन है या नहीं। एलियंस का वजूद साबित करने के लिए अब तक हजारों दावे किए जा चुके हैं , लेकिन सच सही है कि आज तक एलियन तो दूर , कोई यूएफओ तक किसी के हाथ नहीं लगा है। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि एलियंस पूरी तौर पर इंसान दिमाग की कल्पना है और इसमें कोई हकीकत नहीं है। हालांकि कई बड़े वैज्ञानिक इसे खारिज करते हैं। उनका कहना है कि अंतरिक्ष में होने वाली कई गतिविधियां दूसरी दु निया के वजूद को साबित करती हैं। कुल मिलाकर कहें तो एलियंस की मौजूदगी तब तक सवालों के घेरे में है जब तक वो पूरी तौर पर दुनिया के सामने नहीं आते।
Sep 27, 2010 नई दिल्ली।
एलियंस के किस्से लोंगो ने सुने और फिल्मों में देखें हैं। लेकिन हकीकत में अब तक एलियंस की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं है। हालांकि कई वैज्ञानिक मानते हैं कि एलियंस का वजूद है और वो आज नहीं तो कल धरती पर आएंगे। जब वो आएंगे तो उनसे मलेशिया की वैज्ञानि क मजलान ओथमान बात करेंगी , क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें धरती का एलियंस एंबेसडर चुना है। 58 साल की एस्ट्रोफिजिशिस् ट ओथमान संयुक्त राष्ट्र के सहयोगी संगठन यूनाइटेड नेशंस ऑफिस फॉर ऑउटर स्पेस अफेयर्स की प्रमुख हैं।
उनका कहना है कि दुनिया भर के वैज्ञानिक और संस्थान दूसरी दुनिया के लोगों की तलाश में जुटे हैं और उम्मीद है कि एक दिन ऐसा होगा जब हमें दूसरी दुनिया से कोई संकेत मिलेगा। जब ऐसा होगा, उस दिन के लिए हमें अपनी तैयारी करके रखनी होगी। ओथमान इससे पहले मलेशिया के नेशनल स्पेस एजेंसी की मुखिया थी और अंतरिक्ष में जाने वाली मलेशिया की पहली महिला हैं। दुनिया के कई वैज्ञानिक एलियंस के होने और उनके धरती तक पहुंचने की कल्पना कर चुके हैं। इस दौर के सबसे बड़े वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग भी मानते हैं कि एलियंस हैं और धरती पर आ सकते हैं।
हॉकिंग का कहना है कि मेरे दिमाग की गणनाएं बताती हैं कि एलियंस हैं लेकिन असल चुनौती ये जानने की है कि एलियंस दिखते कैसे हैं। जहां तक मेरा मानना है कि अगर कभी एलियंस धरती पर आए तो उनका बर्ताव इतना दोस्ताना नहीं होगा जितनी कि उम्मी द है। हॉकिंग का कहना है कि ज्यादातर एलियंस या तो माइक्रोब्स की तरह या फिर बेहद छोटे जानवरों जैसे हो सकते हैं। हॉकिंग ये चेतावनी देते हैं कि धरती के वैज्ञानिकों को दिमा गदार एलियंस से संपर्क करने से बचना होगा क्योंकि वो धरती को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कई सालों की रिसर्च और पड़ताल के बाद वैज्ञानिक ये तो मानते हैं कि एलियंस हो सकते हैं लेकिन पुख्ता तौर पर उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। वैज्ञानिक को कहना है कि एलियंस हमसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा है। एलियंस धरती पर इंसान से संपर्क स्थापित करने के लिए दशकों से 'कॉस्मिक ट्वीट्स' भेज रहे हैं। 15 अगस्त 1977 को ओहियो स्थित एक दूरबीन ने 72 सेकंड का एक महत्वपूर्ण संकेत पकड़ा था। ये संकेत अंतरिक्ष के एक खाली हिस्से से ठीक उसी फ्रीक्वेंसी पर आया था जिस पर वैज्ञानिक एलियंस से संदेश मिलने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन आज तक इस संकेत का मतलब नहीं निकाला जा सका। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि एलियंस इंसानों के मुकाबले ज्यादा बुद्धिमान हैं और तकनीकी तौर पर बेहद ताकतवर भी हैं। स्पेन और अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि एलियंस अपनी ताकतवर दूसबीनों से पृथ्वी पर नजर रख रहे हैं।
उन्हें पृथ्वी के घूमने की गति , दिन की लंबाई, मौसम चक्र, महासागरों, महाद्वीपों और बादलों की जानकारी हैँ। तमाम रिसर्च और अध्ययन के बाद भी दुनिया भर के वैज्ञानिक ये तक नहीं पता लगा पाए कि ब्रह्मांड में पृथ्वी के अलावा कहीं और जीवन है या नहीं। एलियंस का वजूद साबित करने के लिए अब तक हजारों दावे किए जा चुके हैं , लेकिन सच सही है कि आज तक एलियन तो दूर , कोई यूएफओ तक किसी के हाथ नहीं लगा है। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि एलियंस पूरी तौर पर इंसान दिमाग की कल्पना है और इसमें कोई हकीकत नहीं है। हालांकि कई बड़े वैज्ञानिक इसे खारिज करते हैं। उनका कहना है कि अंतरिक्ष में होने वाली कई गतिविधियां दूसरी दु निया के वजूद को साबित करती हैं। कुल मिलाकर कहें तो एलियंस की मौजूदगी तब तक सवालों के घेरे में है जब तक वो पूरी तौर पर दुनिया के सामने नहीं आते।